Sunday, February 5, 2012

मेरी रट ! I Iterate...





ये जो तेरी आँखें इतनी नटखट है

ना जाने इनमें कैसा कपट है

जिसमें उलझा हूँ वो तेरी उलझी हुई लट है

सोने ना दे ये तेरे ख्यालों की लिपट है

सो जाऊ तो मेरे ख़्वाबों में तेरी मिलावट है

तेरी हँसी ओढे लाज का घूँघट है

तुजसे हि हर मेहफिल की सजावट है

तेरे लिए आपने दिल से मेरी खटपट है

अब ना सुकून और ना चैन निकट है

तेरे होने से मेरे नसीब ने ली करवट है

सुख में उछाल और दुख मे गिरावट है

अब सिर्फ़ तेरे लिए हि खुले मेरे दिल के पट है

बस तुझको हि पाऊ ये मेरे जीवन की  रट है



- Bharat Bhankal
MyFreeCopyright.com Registered & Protected

No comments:

Post a Comment

Feel Free to Comment

मेरी रट ! I Iterate...

ये जो तेरी आँखें इतनी नटखट है ना जाने इनमें कैसा कपट है जिसमें उलझा हूँ वो तेरी उलझी हुई लट है सोने ना दे ये तेरे ख...