Wednesday, June 22, 2011

एका क्षणात...


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मेरी रट ! I Iterate...

ये जो तेरी आँखें इतनी नटखट है ना जाने इनमें कैसा कपट है जिसमें उलझा हूँ वो तेरी उलझी हुई लट है सोने ना दे ये तेरे ख...